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धनतेरस शुभ मुहूर्त सोमवार 5-नवम्बर-2018
Article courtesy: GURUTVA JYOTISH Monthly
E-Magazine November-2018
लेख सौजन्य: गुरुत्व ज्योतिष मासिक ई-पत्रिका (नवम्बर-2018)
एसी पौराणिक मान्यता हैं कि धन तेरस के दिन धनवंतरी नामक देवता अमृत कलश के साथ सागर मंथन से उत्पन्न हुए थे। धनवंतरी धन, स्वास्थय व आयु के अधिपति देवता हैं। धनवंतरी को देवों के वैध व चिकित्सक के रुप में जाना जाता हैं। धन तेरस के दिन चांदी के बर्तन-सिक्के खरीदना विशेष शुभ होता हैं। क्योकि शास्त्रों में धनवंतरी देव को चंद्रमा के समान माना गया हैं। धन तेरस के धनवंतरी के पूजन से मानसिक शान्ति, मन में संतोष एव स्वभाव में सौम्यता का भाव आता हैं। जो लोग अधिक से अधिक धन एकत्र करने कि कामना करते हों उन्हें धनवंतरी देव कि प्रतिदिन आराधना करनी चाहिए। धनतेरस पर पूजा करने से व्यक्ति में संतोष, स्वास्थय, सुख व धन कि विशेष प्राप्ति होती हैं। जिन व्यक्तियों के उत्तम स्वास्थय में कमी तथा सेहत खराब होने कि आशंकाएं बनी रहती हैं उन्हें विशेष रुप से इस शुभ दिन में पूजा आराधना करनी चाहिए। धनतेरस में खरीदारी शुभ मानी जाती हैं। लक्ष्मी जी एवं गणेश जी कि चांदी कि प्रतिमा-सिक्को को इस दिन खरिदना धन प्राप्ति एवं आर्थिक उन्नति हेतु श्रेष्ठ होता हैं। धनतेरस के दिन भगवान धनवन्तरी समुद्र से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिये धनतेरस के दिन खास तौर से बर्तनों कि खरीदारी कि जाती हैं। इस दिन स्टील के बर्तन, चांदी के बर्तन खरीदने से प्राप्त होने वाले शुभ फलो में कई गुणा वृद्धि होने कि संभावना बढ़जाती हैं।
धनतेरस पूजा मुहूर्त (18:06 से 20:01)
प्रदोष काल 2 घण्टे एवं
24 मिनट का होता
हैं। अपने शहर के सूर्यास्त समय अवधि से लेकर अगले 2 घण्टे 24 मिनट कि
समय अवधि को प्रदोष काल माना जाता हैं। अलग- अलग शहरों
में प्रदोष काल के निर्धारण का आधार सूर्योस्त समय के अनुसार निर्धारीत करना
चाहिये। धनतेरस के दिन प्रदोषकाल में दीपदान व लक्ष्मी पूजन करना शुभ रहता है ।
इस वर्ष 5 नवम्बर 2018 (धनतेरस) को भारतीय
समय अनुसार नई दिल्ली में संध्या सूर्यास्त के बाद सांय 05 बज कर 33 मिनिट से
आरम्भ होकर रात के 07 बजकर 57 मिनट तक का समय प्रदोष काल रहेगा। इस समया अवधि में सांय 07:05:21 से लेकर रात 09:00:48 के मध्य स्थिर लग्न (वृषभ) रहेगा, यह संयोग प्रदोष मुहुर्त समय में होने के कारण घर-परिवार
में स्थायी लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
5 नवम्बर 2018 को प्रदोष
काल में भी स्थिर लग्न (वृषभ राशि) रहेगा, लक्ष्मी पूजन हेतु स्थिर लग्न का समय सबसे उतम माना जाता
हैं। धन तेरस के दिन प्रदोष काल व स्थिर लग्न दोनों का संयोग संध्या 06:06 बजे से लेकर रात्री 08:01 बजे तक का
समय रहेगा जिससे मुहुर्त की शुभता में वृद्धि होती हैं।
इसके अलावा अन्य चौघाडिया मुहूर्त
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अमृत मुहूर्त सुबह 06.00 से 07.30 तक
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शुभ मुहूर्त सुबह 09.00 से 10.30 तक
v
लाभ मुहूर्त दिन 03.00 से 04.30 तक
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अमृत मुहूर्त दिन 04.30 से 06.00 तक
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लाभ मुहूर्त रात 10.30 से 12.00 तक
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शुभ मुहूर्त रात 01.30 से 03.00 तक
v
अमृत मुहूर्त रात 03.00 से 04.30 तक
शुभ महूर्त का समय धन तेरस की पूजा के लिये विशेष शुभ रहेगा। लाभ मुहूर्त पूजन करने से प्राप्त होने वाले लाभों में वृद्धि होती हैं। शुभ काल मुहूर्त कि शुभता से धन, स्वास्थय व आयु में वृद्धि होती हैं। सबसे अधिक शुभ अमृत काल में पूजा करने का होता हैं।
नोट: उपरोक्त वर्णित सूर्यास्त का समय निरधारण नई दिल्ली के अक्षांश रेखांश के
अनुसार आधुनिक पद्धति से किया गया हैं। इस विषय में विभिन्न मत एवं सूर्यास्त
ज्ञात करने का तरीका भिन्न होने के कारण सूर्यास्त समय का निरधारण भिन्न हो सकता
हैं। सूर्यास्त समय का निरधारण स्थानिय सूर्यास्त के अनुसार हि करना उचित होगा।
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लेख सौजन्य: गुरुत्व ज्योतिष मासिक ई-पत्रिका (नवम्बर-2018)
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