ଗୁରୁବାର, ଡିସେମ୍ବର 20, 2018

श्रापित योग निवारण कवच | Sharapit Yog Nivaran Kawach


Shop Our products Online @

If you may have any query related our product and service ask us freely we will try to suggest you better. 
श्रापित योग निवारण कवच 
Sharapit Yog Nivaran Kawach

Price: Rs. 1900

भारतीय ज्योतिष शास्त्र में शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के योगों का वर्णन मिलता हैं। इन योगों में एक योग "श्रापित योग" हैं इसे "शापित दोष" भी कहा जाता हैं। इस योग के संबंध में कहां जाता हैं की जिस व्यक्ति की कुण्डली में श्रापित योग होता हैउनकी कुण्डली में मौजूद अन्य शुभ योगों का प्रभाव कम हो जाता है जिससे व्यक्ति को जीवन में विभिन्न कठिनाईयों एवं चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
कुछ जानकार कुण्डली में मौजूद श्रापित योग का कारण भी पूर्व जन्म के कर्मों का फल मानते हैं। कुछ ज्योतिषी का मानना हैं की श्रापित योग अत्यंत अशुभ फलदायी हैं। श्रापित योग का फल व्यक्ति को अपने कर्मों के अनुसार भोगना पड़ता हैं।
कैसे जाने जन्म कुंडली में श्रापित योग हैं या नहीं?
भारतीय ज्योतिषशास्त्र में सूर्यमंगलशनिराहु और केतु को अशुभ ग्रहों माना गया है। इन अशुभ ग्रहों में जब शानि और राहु की एक राशि में मौजूद हो तो श्रापित योग का निर्माण होता है। शनि और राहु दोनों ही ग्रह अशुभ फल देते हैं इसलिए इन दोनों ग्रहों के संयोग से बनने वाले योग को शापित योग या श्रापित योग कहा जाता है। कुछ ज्योतिष के जानकार यह मानते हैं कि शनि की  राहु पर दृष्टि होने से भी इस योग का निर्माण होता हैं।
साधारण भाषा में समझे तो शाप का अर्थ शुभ फलों नाश होना माना जाता है। उसी प्रकार शापित योग का अर्थ हैंशुभ योगों को नाश करने वाला योग।
जिस किसी की कुण्डली में यह योग का निर्माण होता है उसे इसी प्रकार का फल मिलता है अर्थात उनकी कुण्डली में जितने भी शुभ योग होते हैं वे इस योग के कारण प्रभावहीन हो जाते हैं!
आमतौर पर ऐसा माना जाता हैं की शापित योग से पीड़ित व्यक्ति को अपने कार्यों में विभिन्न प्रकार की कठिन चुनौतियों एवं मुश्किलों का सामना करना होता हैं।
लेकिन कुछ ज्योतिषी इससे सहमत नहीं हैंउनका मानना हैं की शापित योग से संबंधित यह धारण पूरी तरह गलत हैजिस व्यक्ति की कुण्डली में शापित योग बनता हैउन व्यक्ति की कुण्डली में अन्य योगों की अपेक्षा शापित योग अधिक प्रभावशाली होकर व्यक्ति को शुभ फल देता हैं! जिस प्रकार ज्योतिषशास्त्र के अनुशार जब दो मित्र ग्रहों की युति किसी राशि में बनती है तो उनका अशुभ प्रभाव समाप्त हो जाता है और दोनों मित्रग्रह मिलकर व्यक्ति को शुभ फल देते हैं। उसी प्रकार से वह शनि एवं राहु के योग से निर्मित होने वाले शापित योग को अशुभ नहीं मानते हैं।
लेकिन यह एक वैचारिक मतभेद का मुद्दा हैंयदि आपकी जन्म कुंडली में श्रापित योग का निर्माण हो रहा होऔर आपको इससे संबंधित कष्ट प्राप्त हो रहे हो तो आप श्रापित योग निवारण कवच को धारण करके धारण कर्ता को विशेष लाभ प्राप्त कर अपनी परेशानियों को दूर कर सकते हैं। इस कवच के प्रभाव से श्रापित योग के प्रभावों में न्यूनता आती हैं।

No comments:

ଏକ ମନ୍ତବ୍ୟ ପୋଷ୍ଟ କରନ୍ତୁ